हिन्दी साहित्य Hindi Literature Optional Solved PYQs (1797-2025)
हिन्दी साहित्य वैकल्पिक के 1979-2025 UPSC के हल प्रश्न पत्र
Rs. 2499 Only
Details
What is हिन्दी साहित्य Hindi Literature Optional Solved PYQs (1797-2025) by Synopsis IAS?
🎓 Course Overview:
इस कोर्स में UPSC सिविल सेवा परीक्षा के हिन्दी साहित्य वैकल्पिक विषय (Hindi Literature Optional) के लिए निम्न मॉड्यूल हैं:
- पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों (PYQs) के हल और Model Answers
- Answer Writing की दक्षता को निखारना: UPSC स्तर पर उत्तर कैसे लिखा जाए, उत्तर की संरचना क्या होनी चाहिए, और मूल्यांकन की दृष्टि से किन तत्वों को शामिल किया जाना चाहिए।
आज के समय में सोशल मीडिया पर Reels वाले टीचर्स का बोलबाला है। वो flashy videos बनाते हैं, लेकिन UPSC चयन कंटेंट की गुणवत्ता से होता है – न कि Reels से। कई बार ऐसे कोर्सेज लेने के बाद छात्र खुद को उलझा हुआ पाते हैं – लाखों की फीस वाले कोर्स करने के बाद भी 30-40 किताबें पढ़नी पड़ती हैं, और जो टेस्ट सीरीज़ मिलती है, उसका UPSC पैटर्न से कोई लेना-देना नहीं होता।
📌 अगर आप वही कर रहे हैं जो सभी कर रहे हैं, तो आप वही पाएंगे जो सभी पाते हैं। चयन चाहिए, तो समझदारी से चयन करें।
हमारा कोर्स उन सिविल सेवा उम्मीदवारों के लिए तैयार किया गया है, जो PYQs के महत्व को समझते हैं और सही स्ट्रेटजी से की गयी Answer Writing को सफलता की कुंजी मानते हैं।
✅ हम दूसरों से कैसे अलग हैं:
- Topic-wise PYQs with Model Answers: एक-एक टॉपिक के अंतर्गत सभी प्रमुख आयामों को कवर किया गया है। इससे छात्र को विषय की व्यापक समझ मिलती है। देखने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- PYQs-based Test Series: हमारी टेस्ट सीरीज़ अन्य कोचिंगों को तरह random नहीं होती, बल्कि UPSC परीक्षा पैटर्न पर आधारित होती है। हम उन्हीं टॉपिक्स को टेस्ट में लाते हैं जो UPSC परीक्षा में या तो बार-बार पूछे गए हैं, या फिर आने की संभावना है।
- 1000+ Practice Questions: इस कोर्स में PYQs के अतिरिक्त अभ्यास हेतु 1000+ प्रश्न दिए गए हैं – जो कि संभाविक प्रश्नों को कवर करे तथा जिससे आंसर राइटिंग में mastery आ सके।
- One Stop Solution: चाहे आप beginner हों, 2–3 बार mains दे चुके हों या rank-improvement के प्रयास में हों – यह कोर्स हर स्तर पर उपयोगी है।
💡 Why Choose This Course?
- UPSC में 80–90% प्रश्नों की पुनरावृत्ति – PYQs आधारित तैयारी कारगर
- All-in-one solution – Extra books की आवश्यकता नहीं
- विशेषज्ञ मार्गदर्शन + उत्तर लेखन पर गहराई से सत्र
🌟 Why One Stop Solution?
- प्रत्येक उत्तर में standard books के संदर्भ, हिन्दी साहित्य के लेखक उद्धरण, और उदाहरण दिए गए हैं।
- हर प्रश्न के सभी dimensions पर गहराई से विश्लेषण किया गया है।
- UPSC हिन्दी साहित्य वैकल्पिक परीक्षा में लगभग 70%+ प्रश्न PYQs से दोहराए जाते हैं – जो आप पहले से तैयार कर सकते हैं।
- इस कोर्स को हमारी हिन्दी साहित्य वैकल्पिक Test Series के साथ जोड़कर आप अपनी Answer Writing की कमजोरियाँ दूर करने पर काम कर सकते हैं।
🕒 Course Coverage:
- कुल प्रश्नों की संख्या: 1979–2025 तक के solved PYQs. December 2025 तक पूर्ण होगे।
- 1000+ अभ्यास प्रश्न, उत्तर सहित।
- वीडियो लेक्चर्स: Paper 1 और Paper 2 दोनों पर उत्तर लेखन के लिए लैक्चर
- Guidance Videos
- नोट: इस कोर्स में कंटेन्ट PDF हैं, जिनका आप प्रिंट ले सकते हैं। (Hard copies not included.)
🛡️ Validity:
- कोर्स प्रारम्भ: 1 December 2025, Videos starting from 15 December 2025.
- Mains 2026 तक वैध
🧑🏫 Faculty:
Krishna Sir
🎯 Targeted For:
- UPSC Hindi Literature Optional के अभ्यर्थी
- उत्तर लेखन कौशल को सुधारने के इच्छुक छात्र
- PYQs के ज़रिए मजबूत तैयारी करना चाहने वाले
- शुरुआती और पुनरावृत्ति दोनों चरण के छात्र
✅ Key Differentiators:
- पूर्णतः PYQ-driven अध्ययन
- कॉम्पैक्ट और परीक्षा-केंद्रित कंटेंट
🛠️ Course Features:
| Feature | Description |
|---|---|
| Topic-Wise PYQs | इतिहास, काव्य, गद्य, आलोचना आदि के अनुसार क्रमबद्ध |
| Sample Answers | Quotes, संदर्भ, संख्या-आधारित संरचित उत्तर |
| Answer Writing Sessions | Time Management, Structure, ग्राफ/टेबल के प्रयोग सहित |
| Self-Evaluation | Mock Questions + Model Answers + Strategy |
| Test Series Evaluation | कृपया इस कोर्स पर क्लिक करें। |
Faculties
Krishna Sir
Course Pages
600+
Course Duration
50+ Lectures
Validity
Mains 2026
Course Content / Syllabus
प्रश्नपत्र-1
खंड : ‘क’ (हिन्दी भाषा और नागरी लिपि का इतिहास) (हिंदी साहित्य वैकल्पिक विषय पाठ्यक्रम)
- अपभ्रंश, अवहट्ट और प्रारंभिक हिन्दी का व्याकरणिक तथा अनुप्रयुक्त स्वरूप।
- मध्यकाल में ब्रज और अवधी का साहित्यिक भाषा के रूप में विकास।
- सिद्ध एवं नाथ साहित्य, खुसरो, संत साहित्य, रहीम आदि कवियों और दक्खिनी हिन्दी में खड़ी बोली का प्रारंभिक स्वरूप।
- उन्नीसवीं शताब्दी में खड़ी बोली और नागरी लिपि का विकास।
- हिन्दी भाषा और नागरी लिपि का मानकीकरण।
- स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान राष्ट्र भाषा के रूप में हिन्दी का विकास।
- भारतीय संघ की राजभाषा के रूप में हिन्दी का विकास।
- हिन्दी भाषा का वैज्ञानिक और तकनीकी विकास।
- हिन्दी की प्रमुख बोलियाँ और उनका परस्पर संबंध।
- नागरी लिपि की प्रमुख विशेषताएँ और उसके सुधार के प्रयास तथा मानक हिन्दी का स्वरूप।
- मानक हिन्दी की व्याकरणिक संरचना।
खंड : ‘ख’ (हिन्दी साहित्य का इतिहास) (हिंदी साहित्य वैकल्पिक विषय पाठ्यक्रम)
- हिन्दी साहित्य की प्रासंगिकता और महत्त्व तथा हिन्दी साहित्य के इतिहास-लेखन की परम्परा
- हिन्दी साहित्य के इतिहास के निम्नलिखित चार कालों की साहित्यिक प्रवृत्तियाँ
(क) आदिकालः सिद्ध, नाथ और रासो साहित्य।
प्रमुख कविः चंदबरदाई, खुसरो, हेमचन्द्र, विद्यापति।
(ख) भक्ति कालः संत काव्य धारा, सूफी काव्यधारा, कृष्ण भक्तिधारा और राम भक्तिधारा।
प्रमुख कवि : कबीर, जायसी, सूर और तुलसी।
(ग) रीतिकालः रीतिकाव्य, रीतिबद्ध काव्य, रीतिमुक्त काव्य।
प्रमुख कवि : केशव, बिहारी, पदमाकर और घनानंद।
(घ) आधुनिक कालः
(क) नवजागरण, गद्य का विकास, भारतेन्दु मंडल।
(ख) प्रमुख लेखक : भारतेन्दु, बाल कृष्ण भट्ट और प्रताप नारायण मिश्र।
(ड.) आधुनिक हिन्दी कविता की मुख्य प्रवृत्तियाँ:
छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नई कविता, नवगीत, समकालीन कविता और जनवादी कविता।
प्रमुख कवि: मैथिलीशरण गुप्त, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’, महादेवी वर्मा, रामधारी सिंह ‘दिनकर’, सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’, गजानन माधव मुक्तिबोध, नागार्जुन।
- कथा साहित्यः
(क) उपन्यास और यथार्थवाद।
(ख) हिन्दी उपन्यासों का उद्भव और विकास।
(ग) प्रमुख उपन्यासकार: प्रेमचन्द, जैनेन्द्र, यशपाल, रेणु और भीष्म साहनी।
(घ) हिन्दी कहानी का उद्भव और विकास।
(ड़) प्रमुख कहानीकार: प्रेमचन्द, जयशंकर प्रसाद, सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’, मोहन राकेश और कृष्णा सोबती।
- नाटक और रंगमंच:
(क) हिन्दी नाटक का उद्भव और विकास।
(ख) प्रमुख नाटककार: भारतेन्दु, जयशंकर प्रसाद, जगदीश चंद्र माथुर, रामकुमार वर्मा, मोहन राकेश।
(ग) हिन्दी रंगमंच का विकास।
- आलोचना:
(क) हिन्दी आलोचना का उद्भव और विकास- सैद्धांतिक, व्यावहारिक, प्रगतिवादी, मनोविश्लेषणवादी आलोचना और नई समीक्षा।
(ख) प्रमुख आलोचक - रामचन्द्र शुक्ल, हजारी प्रसाद द्विवेदी, रामविलास शर्मा और नगेन्द्र।
- हिन्दी गद्य की अन्य विधाएँ:ललित निबंध, रेखाचित्र, संस्मरण, यात्रा वृत्तान्त।
प्रश्नपत्र-2
इस प्रश्नपत्र में निर्धारित मूल पाठ्यपुस्तकों को पढ़ना अपेक्षित होगा और ऐसे प्रश्न पूछे जाएंगे जिनसे अभ्यर्थी की आलोचनात्मक क्षमता की परीक्षा हो सके।
खंड : ‘क’ (पद्य साहित्य) (हिंदी साहित्य वैकल्पिक विषय पाठ्यक्रम)
- कबीर: कबीर ग्रंथावली (आरंभिक 100 पद) सं. श्याम सुन्दर दास
- सूरदास: भ्रमरगीत सार (आरंभिक 100 पद) सं. रामचंद्र शुक्ल
- तुलसीदास: रामचरित मानस (सुंदर काण्ड), कवितावली (उत्तर काण्ड)
- जायसी: पदमावत (सिंहलद्वीप खंड और नागमती वियोग खंड) सं. श्याम सुन्दर दास
- बिहारी: बिहारी रत्नाकर (आरंभिक 100 दोहे) सं. जगन्नाथ दास रत्नाकर
- मैथिलीशरण गुप्त: भारत भारती
- जयशंकर प्रसाद: कामायनी (चिंता और श्रद्धा सर्ग)
- सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला’: राग-विराग (राम की शक्ति पूजा और कुकुरमुत्ता) सं. रामविलास शर्मा
- रामधारी सिंह ‘दिनकर’: कुरुक्षेत्र
- अज्ञेय: आंगन के पार द्वार (असाध्यवीणा)
- मुक्ति बोध: ब्रह्मराक्षस
- नागार्जुन: बादल को घिरते देखा है, अकाल और उसके बाद, हरिजन गाथा।
खंड : ‘ख’ (गद्य साहित्य) (हिंदी साहित्य वैकल्पिक विषय पाठ्यक्रम)
- भारतेन्दु: भारत दुर्दशा
- मोहन राकेश: आषाढ़ का एक दिन
- रामचंद्र शुक्ल: चिंतामणि (भाग-1), (कविता क्या है, श्रद्धा-भक्ति)।
- निबंध निलय: संपादक : डॉ. सत्येन्द्र। बाल कृष्ण भट्ट, प्रेमचन्द, गुलाब राय, हजारीप्रसाद द्विवेदी, रामविलास शर्मा, अज्ञेय, कुबेरनाथ राय।
- प्रेमचंद: गोदान, ‘प्रेमचंद’ की सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ (संपादक : अमृत राय)
- प्रसाद: स्कंदगुप्त
- यशपाल: दिव्या
- फणीश्वरनाथ रेणु: मैला आंचल
- मन्नू भण्डारी: महाभोज
- राजेन्द्र यादव (सं.): एक दुनिया समानान्तर (सभी कहानियाँ)
General Details
aa
How is this course different from similar courses by other coachings?
a
Content Developers and Faculties
Krishna Sir